प्रेम पत्र
आवाज़-ए-रूह
रविवार, 22 अप्रैल 2012
ख्याल तेरे सिवाय किसी और का करना गुनाह समझाता हूँ मैं ।
तू ही मेरी जिन्दगी , तू ही मेरी आरजू तुझको खुदा समझता हूँ मैं ॥
प्रेम
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