गुरुवार, 26 मार्च 2015

  तुम मेरी जिन्दगी बन गई हो

   सांस बन गई हो।।

 


1 मिलते सुबह-षाम जो 

  तुम हो नहीं आम वो, 

 तुम मेरी खास बन गई हो----।।


2 तुम धड़कन हो मेरे दिल की,


  होठों की हंसी, रौनक हो तन की,


  तुम चैन सुकुन हो मेरे मन की,


  मेरे आज और कल की तुम खुषी   उल्लास बन गई हो --- ।।


3 तड़पता रहता हूं मैं तुझ बिन ऐसे,

  तड़पती हो मछली जल बिन जैसे,

  कैसे सहूं मैं ये तन्हाई मेरे गले का फांस बन गई 

  हो----।।


4 मैं भी प्राण तेरे,

  तुम हो जिगर जान मेरे,

  मेरा दिल है पास तेरे,

  मेरे दिल के दीये का तुम प्रकाष बन गई हो----।।



5 तुमसे इतनी मुहब्बत करते हैं हम,


  सागर की गहराई आसमां की उंचाई पड़ जाए कम,


  सनम तुम हरदम मेरे दिल के पास बन गई  


  हो-----।।


                                --- प्रेम

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