आवाज़-ए-रूह
कबीरों का कोई मजहब नहीं होता.... राजा- वजीरों का कोई मजहब नहीं होता.... फकीरों का कोई मजहब नहीं होता.... शूरवीरों का कोई मजहब नहीं होता...